भारतीय संविधान में कुल संशोधन | samvidhan sanshodhan list in hindi

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भारतीय संविधान में कुल संशोधन
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट All the best gk पर । दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारतीय संविधान में कुल संशोधन , samvidhan sanshodhan list in hindi, भारतीय संविधान में कुल कितने संशोधन हो चुके हैं , amendment of indian constitution in hindi के बारे में ।
         दोस्तों इस post में हम पूरी detail से भारतीय संविधान ( Indian Constitution ) के बनने से लेकर 2024 तक जो भी संविधान संशोधन हुए हैं, उनके बारे में विस्तार से बात करेंगे ।
दोस्तों विश्वास कीजिए अगर आप इस post को पूरी पढ़ोगे, तो आपको कोई भी दूसरी post भारतीय संविधान में कुल संशोधन | samvidhan sanshodhan list in hindi  के विषय के बारे में पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
    दोस्तों हमारे भारतीय संविधान में समय-समय पर जरूरत पड़ने पर संशोधन होते रहे हैं। अब तक संविधान में 126 संविधान संशोधन विधेयक संसद में लाए जा चुके हैं, जिनमें से 104 संविधान संशोधन विधेयक संसद में पारित हो चुके हैं.
 यानी कि दोस्तों हमारे भारतीय संविधान में 104 बार संशोधन हो चुका है ।
भारतीय संविधान के संशोधन की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से ली गई है।
     दोस्तों हमारे भारतीय संविधान में पहला संविधान संशोधन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरललजी नेहरू के द्वारा 10 मई 1951 को संसद में पेश किया गया । और इससे 18 मई 1951 को संसद के द्वारा पास कर दिया गया ।
देश के पहले संविधान संशोधन के तहत मौलिक अधिकारों में कुछ परिवर्तन किए गए ‌‌‍। अभिव्यक्ति और भाषण की आजादी का अधिकार देश के आम आदमी को दिया गया ।

 

दोस्तों भारतीय संविधान, संविधान के भाग 20 का अनुच्छेद 368 संसद ( parliament ) को संविधान और इसकी प्रक्रियाओं को संशोधित करने की शक्तियां प्रदान करता है ।

अनुच्छेद 368 में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार संसद संविधान में नए उपबंध जोड़कर या किसी उपबंध को हटाकर या बदलकर संविधान में संशोधन कर सकती हैं, लेकिन संसद संविधान के मूल ढांचे से जुड़े प्रावधानों में संशोधन नहीं कर सकती हैं ।

मूल ढांचे से जुड़े इस सिद्धांत को सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती वाद में प्रतिपादित किया  ( सन 1973 ) । इसके साथ ही संविधान की रक्षा एवं उसकी व्याख्या में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।

            दोस्तों राष्ट्रपति का निर्वाचन, संसद के राज्यों का प्रतिनिधित्व और सातवीं अनुसूची में कोई भी सूची आदि में आधे राज्यों के विधान मंडलों के अनुसमर्थन से ही संवैधानिक संशोधन संभव है।

भारतीय संविधान के प्रमुख संशोधन | संविधान के कुल संशोधन 2024 तक

 

      ( 1 ) 1st संविधान संशोधन ( Constitution Amendment ) :— दोस्तों भारतीय संविधान का पहला संविधान संशोधन 1951 ई0 में किया गया । इसके माध्यम से स्वतंत्रता, समानता और संपत्ति से संबंधित मौलिक अधिकारों ( Fundamental Rights ) को लागू किए जाने संबंधी कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया गया ।
भाषण और अभिव्यक्ति के मूल अधिकारों पर इसमें उचित प्रतिबंध की व्यवस्था की गई । साथ ही साथ, इस संशोधन द्वारा संविधान में नौवीं अनुसूची को जोड़ा गया.
जिसमें उल्लिखित कानूनों को सर्वोच्च न्यायालय ( supreme court ) के न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्तियों के अंतर्गत परीक्षा नहीं की जा सकती हैं । ( भारतीय संविधान में कुल संशोधन )
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 ( 2 ) 2nd संविधान संशोधन ( second constitutional amendment )  :— दूसरा संविधान संशोधन 1952 ई0 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत 1951 ई0 की जनगणना के आधार पर लोकसभा में प्रतिनिधित्व को पुनः व्यवस्थित किया गया ।
  ( 3 ) 3rd संविधान संशोधन :— दोस्तों तीसरा संविधान संशोधन 1954 ई0 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत सातवीं अनुसूची को समवर्ती सूची की 33वी प्रविष्टि के स्थान पर खाद्यान्न ,
पशुओं के लिए चारा , कच्चा कपास, झूठ आदि को रखा गया, जिस के उत्पादन और आपूर्ति को लोकहित में समझने पर सरकार उस पर नियंत्रण लगा सकती हैं।
 ( 4 ) 4th Samvidhan sanshodhan ( संविधान संशोधन ) :— चौथा संविधान संशोधन 1955 ई0 में किया गया और इस संशोधन के अंतर्गत व्यक्तिगत संपत्ति को लोकहित में राज्य द्वारा हस्तगत किए जाने की स्थिति में, न्यायालय इसकी क्षतिपूर्ति के संबंध में परीक्षा नहीं कर सकती।
  ( 5 ) 5th संविधान संशोधन :— दोस्तों 5 वाॅ संविधान संशोधन 1955 में हुआ और राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान की गई कि वह राज्यों के क्षेत्र, सीमा एवं नामों को प्रभावित करने हेतु,
प्रस्तावित केंद्रीय विधान पर अपने मत देने के लिए राज्य मंडलों हेतु समय सीमा का निर्धारण करें। भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 6 ) 6th संविधान संशोधन :—दोस्तों छठा संविधान संशोधन 1956 ई0 में हुआ था और इस संशोधन के द्वारा सातवीं अनुसूची के संघ सूची में परिवर्तन कर अंतरराज्यीय बिक्री कर के अंतर्गत कुछ वस्तुओं पर केंद्र को कर लगाने का अधिकार दिया गया।
  ( 7 ) 7th संविधान संशोधन :—दोस्तों 7 वॉ संविधान संशोधन 1956 ई0 में हुआ था एवं इस संविधान संशोधन द्वारा भाषाई आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया ।
 जिसमें पहले के तीन श्रेणियों में राज्यों के वर्गीकरण को समाप्त करते हुए राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में उन्हें विभाजित किया गया । साथ ही, उनके अनुरूप केंद्र और राज्य के विधान पालिकाओं में सीटों को पुनः व्यवस्थित किया गया ।
   ( 8 ) 8th संविधान संशोधन :— 8 वाॅ संविधान संशोधन 1959 ई0 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत केंद्र और राज्यों के निम्न शब्दों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और आंग्ल भारतीय समुदाय के आरक्षण संबंधी प्रावधानों को 10 वर्षों के लिए अर्थात 1970 ई0 तक बढ़ा दिया गया।

  ( 9 ) 9th संविधान संशोधन :—दोस्तों नॏवां संविधान संशोधन 1960 ई0 में किया गया। इस संविधान संशोधन द्वारा संविधान की प्रथम अनुसूची में परिवर्तन करके भारत और

पाकिस्तान के बीच 1958 की संधि की शर्तों के अनुसार खोलना और बेरुबारी आदि क्षेत्र पाकिस्तान को दे दिए गए।

( 10 ) 10th संविधान संशोधन ( Constitution amendment ) :—10 वाॅ संविधान संशोधन 1961 में किया गया। इस संविधान संशोधन के अंतर्गत ( भारतीय संविधान में कुल संशोधन ) भूतपूर्व पुर्तगाली अंतः क्षत्रों – दादर एवं नगर हवेली को भारत में शामिल कर उन्हें केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया।

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    ( 11 ) 11th संविधान संशोधन :—11 संविधान संशोधन 1961 ई0 में किया गया । इस संविधान संशोधन के अंतर्गत उपराष्ट्रपति के निर्वाचन के प्रावधानों में परिवर्तन कर, इस संदर्भ में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को बुलाया गया।

साथ ही यह भी निर्धारित किया गया कि निर्वाचकमंडल में पद की रिक्तता के आधार पर राष्ट्रपति or उपराष्ट्रपति के निर्वाचन को चुनौती नहीं दी जा सकती।

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  ( 12 ) 12th संविधान संशोधन :— 12वाॅ संविधान संशोधन 1962 ई0 में हुआ। इसके अंतर्गत संविधान की प्रथम अनुसूची में संशोधन कर गोवा, दमन और दीव को भारत में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शामिल कर लिया गया।
( 13 ) 13th संविधान संशोधन :— 13वाॅ संविधान संशोधन 1962 ई0 में हुआ और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत नागालैंड के संबंध में विशेष प्रावधान अपना कर उसे एक राज्य का दर्जा दे दिया गया ।
  ( 14 ) 14th संविधान संशोधन :— दोस्तों 14 वाॅ संविधान संशोधन 1963 में हुआ और इस संविधान संशोधन के द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुदुचेरी को भारत में शामिल किया गया ।
साथ ही, इसके द्वारा मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, गोवा, त्रिपुरा , दमन और दीव एवं पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेशों में विधान पालिका और मंत्री परिषद की स्थापना की गई। ( भारतीय संविधान में कुल संशोधन )
  ( 15 ) 15th संविधान संशोधन :— यह संशोधन 1963 ई0 में किया गया और किसके अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवामुक्ती की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई एवं अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों की उच्च न्यायालय में नियुक्ति से संबंधित प्रावधान बनाए गए।

संविधान के सभी संशोधन 2024 । All Constitution amendment in Hindi

  ( 16 ) 16th संविधान संशोधन :— 16 संविधान संशोधन 1963 में किया गया और इस संविधान संशोधन के द्वारा देश की संप्रभुता और अखंडता के हित में मूल अधिकारों पर कुछ प्रतिबंध लगाए।
साथ ही तीसरी अनुसूची में भी परिवर्तन कर शपथ ग्रहण के अंतर्गत “मैं भारत की स्वतंत्रता एवं अखंडता को बनाए रखूंगा” जोड़ा गया ।
  ( 17 ) 17th संविधान संशोधन :— दोस्तों 17  वाॅ संविधान संशोधन 1964 ईस्वी में किया गया और इस संशोधन में संपत्ति के अधिकारों में और भी संशोधन करते हुए कुछ अन्य भूमि सुधार प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में रखा गया, जिनकी वैधता की परीक्षा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नहीं की जा सकती थी।
  ( 18 ) 18th संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 1966 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत पंजाब का भाषाई आधार पर पुनर्गठन करते हुए,
पंजाबी भाषी क्षेत्र को पंजाब एवं हिंदी भाषी क्षेत्र को हरियाणा के रूप में गठित किया गया। पर्वतीय क्षेत्र हिमाचल प्रदेश को दे दिए गए तथा चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।
  ( 19 ) 19th संविधान संशोधन :— 19 वाॅ संविधान संशोधन 1966 ई0 में किया गया और इसके अंतर्गत चुनाव आयोग के अधिकारों में परिवर्तन किया गया तथा उच्च न्यायालयों को चुनाव याचिकाएं सुनने का अधिकार दिया गया।
  ( 20 ) 20th संविधान संशोधन :— 20वाॅ संविधान संशोधन 1966 में हुआ। और दोस्तों इस संविधान संशोधन के अंतर्गत अनियमितता के आधार पर नियुक्त कुछ जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति को वैधता प्रदान की गई।
  ( 21 ) 21st संविधान संशोधन :— दोस्तों 21 वाॅ संविधान संशोधन 1967 ई0 में किया गया और इस संविधान संशोधन के द्वारा सिंधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची के अंतर्गत 15वीं भाषा के रूप में शामिल किया गया।
  ( 22 ) 22nd संविधान संशोधन :— 22वाॅ संविधान संशोधन 1969 में किया गया और इसके द्वारा असम से अलग करके एक नया राज्य मेघालय बनाया गया ।
  ( 23 ) 23rd Samvidhan sanshodhan :— दोस्तों 23 वाॅ संविधान संशोधन 1969 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत विधान पालिकाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण तथा आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का मनोनयन को 10 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया।
  ( 24 ) 24th संविधान संशोधन :— दोस्तों 24 वा संविधान संशोधन 1971 ईo में किया गया और इस Samvidhan sanshodhan के अंतर्गत संसद की इस शक्ति को स्पष्ट किया गया कि वह संविधान के किसी भी भाग को, जिसमें भाग 3 के अंतर्गत आने वाले मूल अधिकार भी हैं , संशोधन कर सकती हैं ।
साथ ही , यह भी निर्धारित किया गया कि संशोधन संबंधी विधेयक जब दोनों सदनों से पारित होकर राष्ट्रपति के समक्ष जाएगा तो इस पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मति दिया जाना बाध्यकारी होगा ।
  ( 25 ) 25th Samvidhan sanshodhan :— दोस्तों 25 वाॅ संविधान संशोधन 1971 ईo में किया गया और इसके अंतर्गत संपत्ति के मूल अधिकार में कटौती । अनुच्छेद 39 ( ख ) या ( ग ) में वर्णित निदेशक तत्वों को प्रभावित करने के लिए बनाए गए.
किसी भी विधि को अनुच्छेद 14 , 19 and 31 द्वारा अभिनिश्चित अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है ।
  ( 26 ) 26th संविधान संशोधन :— इस संविधान का संशोधन 1971 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत भूतपूर्व देशी राज्यों के शासकों की विशेष उपाधि और उनके प्रिवी पर्स को समाप्त कर दिया गया। भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 27 ) 27 th संविधान संशोधन :— 27 वाॅ संविधान संशोधन 1971 ईo में किया गया और इसके अंतर्गत मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश को केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में स्थापित किया गया ।
  ( 28 ) 29 th संविधान संशोधन :— 29 वाॅ संविधान संशोधन 1972 ईo में किया गया और इस संविधान संशोधन में केरल भू-सुधार ( संशोधन ) अधिनियम , 1969 तथा
केरल भू सुधार ( संशोधन ) अधिनियम 1971 को संविधान की नौवीं अनुसूची में रख दिया गया , जिससे इसकी संवैधानिक वैधता को न्यायालय में चुनौती न दी जा सके।
  ( 29 ) 31st Samvidhan sanshodhan :— दोस्तों 31 वा संविधान संशोधन 1973 ईo में किया गया और इसके द्वारा लोकसभा के सदस्यों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गई तथा केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व 25 से घटाकर 20 दिया गया ।
  ( 30 ) 32nd: संविधान संशोधन :— 32 वा संविधान संशोधन 1974 में किया गया और इसके द्वारा संसद तथा विधान पालिकाओं के सदस्यों द्वारा दबाव में या जबरदस्ती किए जाने पर इस्तीफा देना अवैध घोषित किया गया और
अध्यक्ष को यह अधिकार दिया गया कि वह सिर्फ स्वेच्छा से से दिए गए और उचित त्यागपत्र को ही स्वीकार करें।
  ( 31 ) 34th संविधान संशोधन :— 34 वाॅ संविधान संशोधन 1974 ईo में किया गया और इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों द्वारा पारित 20 भू  सुधार अधिनियम को 9वी अनुसूची में प्रवेश देते हुए उन्हें न्यायालय द्वारा संवैधानिक वैधता के परीक्षण से मुक्त कर दिया गया । ( भारतीय संविधान में कुल संशोधन )
  ( 32 ) 35 th संविधान संशोधन :— 35th sanvidhan sanshodhan 1974 में किया गया और इसके तहत सिक्किम का संक्षिप्त राज्य का दर्जा समाप्त कर उससे संबद्ध राज्य के रूप में भारत में प्रवेश दिया गया।
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  ( 33 ) 36 th संविधान संशोधन :— 36 वाॅ संविधान संशोधन 1975 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत सिक्किम को भारत का 22 वा राज्य बनाया गया ।
  ( 34 ) 37th Samvidhan sanshodhan :— दोस्तों 37 वाॅ संविधान संशोधन 1975 ईo में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत आपात स्थिति की घोषणा and राष्ट्रपति, राज्यपाल और
केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनिक प्रधानों द्वारा अध्यादेश जारी किए जाने को अविवादित बनाते हुए न्यायिक पुनर्विचार से उन्हें मुक्त रखा गया।
  ( 35 ) 39th संविधान संशोधन :— दोस्तों यह संविधान संशोधन भी 1975 ईo में किया गया और इसके द्वारा राष्ट्रपति , उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन संबंधी विवादों के न्यायिक परीक्षण से मुक्त कर दिया गया।
  ( 36 ) 41st संविधान संशोधन :— 41 वाॅ संविधान संशोधन 1976 में किया गया और इस संविधान संशोधन के द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवा मुक्ति की आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई लेकिन, संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की सेवानिवृत्ति की अधिकतम आयु 65 वर्ष रहने दी गई।

( 37 ) 42nd संविधान संशोधन ( Constitutional Amendment ):—

42वां संविधान संशोधन भी 1976 ईo में किया गया और किस संविधान संशोधन को मिनी संविधान भी कहते हैं। इसके द्वारा संविधान में व्यापक परिवर्तन लाए गए जिसमें से मुख्य निम्न थे  :—

( a ) संविधान की प्रस्तावना में “समाजवादी” , “धर्मनिरपेक्ष” एवं “एकता और अखंडता” आदि शब्द जोड़े गए ।
( b ) सभी नीति निदेशक सिद्धांतों को मूल अधिकारों पर सर्वोच्चता सुनिश्चित की गई ।
 ( c ) इसके अंतर्गत संविधान मैं 10 मौलिक कर्तव्यों को अनुच्छेद 51क ( भाग – 4क ) के अंतर्गत जोड़ा गया।
 ( d ) इसके द्वारा संविधान को न्यायिक परीक्षण से मुक्त किया गया
( e )  लोकसभा और विधानसभाओं की अवधि को 5 से 6 वर्ष कर दिया गया।
( f ) सभी विधानसभा एवं लोकसभा की सीटों की संख्या को इस शताब्दी के अंत तक के लिए स्थित कर दिया गया ।
( g ) इसके द्वारा यह निर्धारित किया गया कि किसी केंद्रीय कानून की वैधता पर सर्वोच्च न्यायालय एवं राज्य के कानून की वैधता का उच्च न्यायालय ही परीक्षण करेगा। साथ ही साथ, यह भी निर्धारित किया गया कि किसी संवैधानिक वैधता के प्रश्न पर जांच से अधिक न्यायाधीशों की बेंच द्वारा दो तिहाई बहुमत से निर्णय दिया जाना चाहिए न्यायाधीशों की संख्या 5 तक हो तो निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए ।
 ( h ) इसके द्वारा वन संपदा , शिक्षा , जनसंख्या नियंत्रण आदि विषयों को राज्य सूची से समवर्ती सूची के अंतर्गत कर दिया गया।
( i ) इसके अंतर्गत निर्धारित किया गया कि राष्ट्रपति , मंत्रिपरिषद और उसके प्रमुख प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार कार्य करेगा ।
( j ) इस ने संसद को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से निपटने के लिए कानून बनाने के अधिकार दिए and सर्वोच्चता स्थापित की ।
भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 38 ) 44th संविधान संशोधन :— 44 वाॅ संविधान संशोधन ( Samvidhan sanshodhan ) 30 अप्रैल 1978 ईo के अंतर्गत किया गया और इसके तहत राष्ट्रीय आपात स्थिति लागू करने के लिए
“आंतरिक अशांति” के स्थान पर “सैन्य विद्रोह” का आधार रखा गया और आपात स्थिति संबंधी अन्य प्रावधानों में परिवर्तन लाया गया , जिससे उनका दुरुपयोग ना हो |
    इसके द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों के भाग से हटाकर विधिक ( कानूनी ) अधिकारों की श्रेणी में रख दिया गया |
   लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं की अवधि 6 वर्ष से घटाकर  5 वर्ष कर दी गई। उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विवाद को हल कने की अधिकारिता प्रदान की गई ।
44 va Samvidhan sanshodhan by all the best GK
44 va Samvidhan sanshodhan kab Kiya Gaya. All the best GK

  ( 39 ) 50th संविधान संशोधन :— 50 वाॅ संविधान संशोधन 1984 में किया गया और इसके द्वारा अनुच्छेद 33 में संशोधन कर सैन्य सेवाओं की पूरक सेवाओं में कार्य करने वालों के लिए आवश्यक सूचनाएं एकत्रित करने,

देश की संपत्ति की रक्षा करने और कानून एवं व्यवस्था से संबंधित दायित्व भी दिए गए । साथ ही इन सेवाओं द्वारा उचित कर्तव्य पालन हेतु संसद को कानून बनाने के अधिकार भी दिए गए।

( 40 ) 52nd संविधान संशोधन :— 52 वाॅ संविधान संशोधन 1985 में किया गया और इसके द्वारा राजनीतिक दल – बदल पर अंकुश लगाने का लक्ष्य रखा गया ।

इसके अंतर्गत संसद या विधानमंडलों के उन सदस्यों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा , जो उस दल को छोड़ते हैं जिसके चुनाव चिन्ह पर उन्होंने चुनाव लड़ा था ।

लेकिन यदि किसी दल की संसदीय पार्टी की एक तिहाई सदस्य अलग दल बनाना चाहते हैं तो उन पर अयोग्यता लागू नहीं होगी । दल बदल विरोधी इन प्रावधानों की संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत रखा गया ।

( 41 ) 53rd संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 1986 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत अनुच्छेद 371 में खंड “जी” जोड़कर मिजोरम को राज्य का दर्जा दिया गया।

( 42 ) 54th संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 1986 में किया । इसके अंतर्गत संविधान की दूसरी अनुसूची के भाग “डी” में संशोधन कर न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि का अधिकार संसद को दिया गया।
  ( 43 ) 55th संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 1986 ईo में किया गया और इसके अंतर्गत अरुणाचल प्रदेश को राज्य बनाया गया ।
  ( 44 ) 56th sanvidhan sanshodhan ( 1987 ) :— इसके अंतर्गत गोवा को एक राज्य का दर्जा दिया गया और दमन और दीव को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में ही रहने दिया गया ।
  ( 45 ) 57th संविधान संशोधन :— 57 वाॅ संविधान संशोधन 1987 में किया गया और इसके अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के आरक्षण के संबंध में
मिजोरम , मेघालय , अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड की विधानसभा सीटों का परिसीमन इस शताब्दी के अंत तक के लिए किया गया।
  ( 46 ) 58th संविधान संशोधन :— 58 वा संविधान संशोधन 1987 में किया गया और इसके द्वारा राष्ट्रपति को संविधान का प्रमाणिक हिंदी संस्करण प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया गया ।
  ( 47 ) 60 th संविधान संशोधन :— 60 वाॅ संविधान संशोधन 1988 ई0 में किया गया और इसके अंतर्गत व्यवसाय कर की सीमा ₹250 से बढ़ाकर ₹2500 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष कर दी गई।
भारतीय संविधान में 2024 तक कितने संशोधन किए जा चुके हैं?

 ( 48 ) 61st संविधान संशोधन :—

       61 वां संविधान संशोधन 1989 ई0 के अंतर्गत किया गया और उसके द्वारा मतदान के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष लाने का प्रस्ताव था ।

  ( 49 ) 65 th संविधान संशोधन :— 65 वाॅ संविधान संशोधन 1990 में किया गया और इसके द्वारा अनुच्छेद 338 में संशोधन करके अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के गठन की व्यवस्था की गई है।
  ( 50 ) 69 th संविधान संशोधन :— 69 वाॅ संविधान संशोधन 1990 में किया गया और इसके तहत दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र बनाया गया एवं दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के लिए विधानसभा और मंत्रिपरिषद का उपबंध किया गया।
  ( 51 ) 70th संविधान संशोधन :— 70 वाॅ संविधान संशोधन 1962 में हुआ और इसके तहत दिल्ली और पुदुचेरी संघ राज्य क्षेत्रों की विधानसभाओं के सदस्यों को राष्ट्रपति के लिए निर्वाचक मंडल में सम्मिलित किया गया।
  ( 52 ) 71st संविधान संशोधन :— 71 वाॅ संविधान संशोधन 1992 में किया गया और इस संविधान संशोधन में आठवीं अनुसूची में कोंकणी, नेपाली और मणिपुरी भाषा को सम्मिलित किया गया ।
  ( 53 ) 73rd संविधान संशोधन :— 73 वाॅ संविधान संशोधन 1992 – 1993 ई० में किया गया और इसके अंतर्गत संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ी गई ।
इसके पंचायती राज संबंधी प्रावधानों को सम्मिलित किया गया । इस संशोधन के द्वारा संविधान में भाग 9 जोड़ा गया। इसमें अनुच्छेद 243 और अनुच्छेद 243 क से 243 ण तक अनुच्छेद हैं।

  ( 54 ) 74th संविधान संशोधन :— 74 वें संविधान संशोधन 1993 में किया गया और इस संशोधन के अंतर्गत संविधान में 12वीं अनुसूची शामिल की गई ।

जिसमें नगर पालिका , नगर निगम और नगर परिषदों से संबंधित प्रावधान किए गए हैं । इस संशोधन के द्वारा संविधान में भाग 9 क जोड़ा गया । इसमें अनुच्छेद 243 से अनुच्छेद 243 यद तक के अनुच्छेद हैं ।

74वां संविधान संशोधन. 78 वां संविधान संशोधन. 84 वां संविधान संशोधन. 92 वा संविधान संशोधन.
74वां संविधान संशोधन. 78 वां संविधान संशोधन. 84 वां संविधान संशोधन. 92 वा संविधान संशोधन.
  ( 55 ) 76th संविधान संशोधन :— 74वां संविधान संशोधन 1994 में किया गया और इस संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान की नौवीं अनुसूची में संशोधन किया गया और
तमिलनाडु सरकार द्वारा पारित पिछड़े वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों में 69% आरक्षण का उपबंध करने वाली अधिनियम को 9वी अनुसूची में शामिल कर दिया गया है।
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  ( 56 ) 78 th संविधान संशोधन :— 78 वाॅ संविधान संशोधन 1995 में किया गया और इस संशोधन के द्वारा 9वीं अनुसूची में विभिन्न राज्यों द्वारा पारित 27 भूमि सुधार विधियों को समाविष्ट किया गया है ।
  ( 57 ) 79th संविधान संशोधन :— 79 वाॅ संविधान संशोधन 1999 ई० में किया गया और इस संशोधन के अंतर्गत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की अवधि 25 जनवरी 2010 तक के लिए बढ़ा दी गई है ।
इसके माध्यम से व्यवस्था की गई कि अब राज्यों को प्रत्यक्ष केंद्रीय करों से प्राप्त कुल धनराशि का 29% हिस्सा मिलेगा।
भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 58 ) 82nd संविधान संशोधन :— 82 वाॅ संविधान संशोधन 2000 में किया गया। और इस संशोधन के द्वारा राज्यों को सरकारी नौकरियों में आरक्षित रिक्त स्थानों की भर्ती हेतु प्रोन्नति के मामलों में
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम प्राप्तांक को में छूट प्रदान करने की अनुमति प्रदान की गई है।
  ( 59 ) 83rd संविधान संशोधन :— 83वाॅ संविधान संशोधन 2000 में किया गया और इस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण का प्रावधान न करने की छूट प्रदान की गई है ।
अरुणाचल प्रदेश में कोई भी अनुसूचित जाति ना होने के कारण उसे यह छूट प्रदान की गई है।
  ( 60 ) 84th संविधान संशोधन :— 84वाॅ संविधान संशोधन 2001 में किया गया और इसके द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों की संख्या में वर्ष 2026 तक कोई परिवर्तन ना करने का प्रावधान किया गया है।
( 61 ) 85th संविधान संशोधन :—  2001 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था की गई है ।
  ( 62 ) 86th संविधान संशोधन :— 86वाॅ संविधान संशोधन 2002 में किया गया और इस संशोधन अधिनियम द्वारा देश के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देने संबंधी प्रावधान किया गया है ।
इसे अनुच्छेद 21 (क) के अंतर्गत संविधान में जोड़ा गया है । इस अधिनियम द्वारा संविधान के अनुच्छेद 45 और अनुच्छेद 51 (क) में संशोधन किए जाने का प्रावधान है।
  ( 63 ) 87th संविधान संशोधन :— 87वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इसके परिसीमन में जनसंख्या का आधार 1991 ई0 की जनगणना के स्थान पर 2001 ई0 तक कर दी गई।
  ( 64 ) 88th संविधान संशोधन :— 88 वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इसमें सेवाओं पर कर का प्रावधान किया गया।
  ( 65 ) 89th संविधान संशोधन :— 89 वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इस संविधान संशोधन के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति के लिए पृथक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की व्यवस्था की गई।
  ( 66 ) 90th संविधान संशोधन :— 90 वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इस संशोधन के अंतर्गत असम विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों और गैर
अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व बरकरार रखते हुए बोडोलैंड , टेरिटोरियल कौंसिल क्षेत्र , गैर जनजाति के लोगों के अधिकारों की सुरक्षा का प्रावधान है।
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  ( 67 ) 91st संविधान संशोधन :— 91वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इसके तहत दलबदल व्यवस्था में संशोधन ,
केवल संपूर्ण दल के विलय को मान्यता , केंद्र तथा राज्य में मंत्री परिषद के सदस्य संख्या क्रमशः लोकसभा एवं विधानसभा की सदस्य संख्या का 15% होगा।
  ( 68 ) 92nd संविधान संशोधन :— 92वाॅ संविधान संशोधन 2003 में किया गया और इस संविधान संशोधन में संविधान की आठवीं अनुसूची में  डोगरी , बोडो ,  संथाली , मैथिली भाषाएं जोड़ी गई।
  ( 69 ) 93rd संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 2006 में किया गया और इसमें शिक्षा संस्थानों में अनुसूचित जाति / जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के नागरिकों के दाखिले के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था की गई और संविधान के अनुच्छेद 15 की धारा 4 के प्रावधानों के तहत की गई।
  ( 70 ) 94th संविधान संशोधन :— यह संशोधन 2006 में किया गया और इस संशोधन के द्वारा बिहार राज्य को एक जनजाति कल्याण मंत्री नियुक्त करने के उत्तरदायित्व से मुक्त कर दिया गया और
इस प्रावधान को झारखंड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों में लागू करने की व्यवस्था की गई । साथ ही , मध्य प्रदेश और ओडिशा राज्य में यह प्रावधान पहले से ही लागू है।
भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 71 ) 95th संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 2009 में किया गया और इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 334 में संशोधन कर लोकसभा में अनुसूचित जातियों और
अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण तथा आंग्ल  भारतीयों को मनोनीत करने संबंधी प्रावधान को 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
  ( 72 ) 96th संविधान संशोधन :— यह संविधान संशोधन 2011 में किया गया और इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची में “उड़िया” के स्थान पर “ओड़िया” लिखा जाए ।
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  ( 73 ) 97th संविधान संशोधन :–97वाॅ संविधान संशोधन अधिनियम 2011 में पेश किया गया और इस संशोधन के द्वारा सहकारी समितियों को एक संवैधानिक स्थान तथा सरंक्षण प्रदान किया गया।
इस संशोधन द्वारा संविधान में निम्न तीन बदलाव किए गए :—
( a ) सहकारी समिति बनाने का अधिकार एक मौलिक अधिकार बन गया| [ अनुच्छेद-19 (1)ग ]
( b ) “सहकारी समितियां” नाम से एक नया भाग – IX-ख संविधान में जोड़ा गया। [ अनुच्छेद 243 यज से 223 यन ]
(c) राज्य की नीति में सहकारी समितियों को बढ़ावा देने का एक नया नीति निदेशक सिद्धांत का समावेश| [ अनुच्छेद 43 ख ]
  ( 74 ) 98th संविधान संशोधन अधिनियम :— 98 संविधान संशोधन अधिनियम 2012 में पेश किया गया और इस संविधान संशोधन में अनुच्छेद 371(जे) शामिल किया गया ।
इसका उद्देश्य कर्नाटक के राज्यपाल को हैदराबाद – कर्नाटक क्षेत्र के विकास हेतु कदम उठाने के लिए सशक्त करना था।
  ( 75 ) 99th संविधान संशोधन अधिनियम 2014 :— इस संविधान संशोधन अधिनियम में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग [ National judicial appointment commission – NJAC ] की स्थापना की गई।
इसे पारित करके राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के माध्यम से न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है ।
इस संशोधन के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में प्रचलित कॉलेजियम व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।
  ( 76 ) 100th Samvidhan sanshodhan adhiniyam 2015 :— इस संविधान संशोधन द्वारा भारत एवं बांग्लादेश के बीच हुए 41 वर्ष पुराने भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौते 1974 के प्रभाव में लाया गया।
भारतीय संविधान में कुल संशोधन
  ( 77 ) 101st Samvidhan sanshodhan 2017 :— इसके द्वारा वस्तु और सेवा कर ( goods and service tax ) को लागू किया गया।
  ( 78 ) 102nd संविधान संशोधन 2017 :— इस संविधान संशोधन में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मंजूरी दे दी गई।
  ( 79 ) 103rd संविधान संशोधन 2019 :— सामान्य श्रेणी की आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में 10% आरक्षण देने का संवैधानिक प्रावधान किया गया है.
( 80 )104th Samvidhan sanshodhan 2019 :— यह 126वाॅ संविधान संशोधन विधेयक था। इसमें SC / ST के आरक्षण को 10 वर्षों के लिए बढ़ाया गया और साथ ही एंग्लो इंडियन कोटे को खत्म किया गया।
इसे संविधान संशोधन विधेयक के तहतभारतीय संविधान के अनुच्छेद 334 में संशोधन किया गया।
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