नमस्कार दोस्तों भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से संबंधित बहुत बड़ा ऐलान किया है.
ISRO ने मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की घोषणा कर दी है. रॉकेट को 14 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे लांच किया जा सकता है.
Chandrayaan-3: जानिए 14 जुलाई को लांच होने वाले चंद्रयान-3 के बारे में
chandrayaan-2 के आखिरी चरण पर विफल होने के बाद chandrayaan-3 को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग की क्षमता की जांच के लिए भेजा जा रहा है. चंद्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में विफल हो गया था.
उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था. उसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था. chandrayaan-3 को उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है.
chandrayaan-3 लेंडर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद इसमें से रोवर निकलेगा और सतह पर चक्कर लगाएगा.
हालांकि लॉन्चिंग की तिथि से जुड़े सवाल पर ISRO के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने कहा अभी chandrayaan-3 के लॉन्चिंग की अंतिम तिथि तय नहीं है. एजेंसी 12 से 19 जुलाई के बीच कोई भी तिथि तय कर सकती हैं. उन्होंने कहा हम जल्द से जल्द किसी संभावित तिथि पर विचार कर रहे हैं.
यह 12, 13, 14 या 19 जुलाई की कोई भी तिथि हो सकती हैं. उन्होंने कहा अभी रॉकेट एकीकरण का काम चल रहा है, जो अगले 1 से 2 दिन में पूरा हो सकता है.
चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के मुताबिक chandrayaan-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर एक सुरक्षित एवं सॉफ्ट लैंडिंग करवाना है.
और रोविंग क्षमताओं का प्रदर्शन करना है. इसके अलावा इन सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना एवं इंटरप्लेनेटरी मिशन के लिए आवश्यक नई तकनीकों का विकास एवं प्रदर्शन करना इसका मुख्य उद्देश्य है.
2047 तक भारत दुनिया का अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी देश होगा
Isro प्रमुख ने कहा कि भारत 2047 तक अंतरिक्ष के क्षेत्र में दुनिया का सबसे अग्रणी देश होगा. इसके लिए हमें अंतरिक्ष को देश की रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखना होगा. इसके लिए हमें अपनी क्षमता का निर्माण करना चाहिए और इसे बनाए रखने के लिए हमें
आत्मनिर्भर बनाना चाहिए इसरो प्रमुख यहां भारतीय वायुसेना के 38वें एयर चीफ मार्शल पी. सी. लाल स्मारक व्याख्यान में बोल रहे थे.
चंद्रयान-3 क्या है?
दोस्तों chandrayaan-3 ISRO के अधिकारियों के मुताबिक chandrayaan-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा एवं
परीक्षण करेगा. इसमें रोवर और लैंडर शामिल है. यह चंद्रयान दो की तरह ही दिखेगा.
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चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग कराना है. चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं. algorithm को बेहतर किया गया है.
जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने में असफल हुआ. चंद्रयान-3 मिशन पर विशेष रूप से फोकस किया गया है.