भारत के राष्ट्रपति और उनकी शक्तियां – all the best GK
नमस्स्तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे भारत के राष्ट्रपति और उसकी शक्तियों के बारे में तो दोस्तों चलिए शुरू करते हैं ।
भारत के राष्ट्रपति और उनकी शक्तियां – all the best GK
दोस्तों भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचक मंडल द्वारा होता है। जिसका निर्माण संसद और राज्य विधानमंडलों कि केवल निर्वाचित सदस्यों द्वारा होता है।राष्ट्रपति के निर्वाचन में राज्य का मुख्यमंत्री मतदान करने के लिए पात्र नहीं होता यदि वहां राज्य विधानमंडल में उच्च सदन का सदस्य हो।
दोस्तों भारतीय संविधान के अनुच्छेद 54 में राष्ट्रपति का निर्वाचन संबंधी उल्लेखहै ।
अनुच्छेद 61 में राष्ट्रपति पर महाभियोग की प्रक्रिया संबंधी उल्लेख है।
और अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति को क्षमादान का अधिकार है।
और दोस्तों अनुच्छेद 123 में संसद के विश्रांति काल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति का उल्लेख है।
राष्ट्रपति चुनाव में वोट का निर्धारण
👉 राष्ट्रपति चुनाव के लिए सांसदों और विधायकों कीमतों के मूल्य निकालने के लिए 1971 की जनसंख्या को आधार बनाया गया।
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1. भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकार
👉 किसी भी प्रदेश में विधानसभा की कुल सीटों में 1000 का गुना कर इसे प्रदेश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर एक विधायक के मत का मूल्य निकलता है।
👉 6 माह के अंदर राष्ट्रपति का रिक्त स्थान भरा जाना जरूरी है।
👉 विधि के प्रश्न पर भारतीय सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेने का अधिकार राष्ट्रपति को है।
👉 राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए आयु 35 वर्ष निर्धारित हैं और वहां भारत का नागरिक होना चाहिए।
👉 राष्ट्रपति को अपने पद की शपथ भारत का मुख्य न्यायाधीश व उसकी अनुपस्थिति में वरिष्ठतम न्यायाधीश दिलाता है।
👉 राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देता है ।उपराष्ट्रपति इसकी सूचना लोकसभा के अध्यक्ष को देता है।
👉 राष्ट्रपति के लिए महाभियोग की प्रक्रिया का प्रावधान है।
भारत के राष्ट्रपति और उनकी शक्तियां |
इतिहास के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
भारत के राष्ट्रपति की शक्तियां
राष्ट्रपति को संकटकालीन स्थिति से निपटने हेतु विशेष शक्तिया भारतीय संविधान द्वारा प्राप्त है।
👉 राष्ट्रपति बाहरी आक्रमण , आंतरिक अशांति और वित्तीय आपात की स्थिति में निम्न प्रकार की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
👉 अनुच्छेद 352 -इसके तहत राष्ट्रपति बाहरी आक्रमण, युद्ध और सैन्य विद्रोह की स्थिति में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकता है इस घोषणा की 1 माह के भीतर संसद द्वारा स्वीकृति आवश्यक है।
👉 अनुच्छेद 356- इसके अंतर्गत राष्ट्रपति राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने पर उसे राष्ट्रपति के शासन के अधीन घोषित करता है राज्य का शासन राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति के माध्यम से किया जाता है
👉 अनुच्छेद 360 – इसके तहत राष्ट्रपति को वित्तीय आपातकाल की घोषणा का अधिकार है राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर के संबंध वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं कर सकता है।
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