नमस्कार दोस्तों आज हम बात करेंगे भारतीय झंडे कहां पर बनते हैं और भारतीय झंडे बनाने वाली संस्था कौन सी है तो चलिए शुरू करती है.
भारतीय झंडे कहां पर बनते हैं? और कौन सी संस्था बनाती है?
भारतीय तिरंगा (भारतीय ध्वज) का निर्माण भारत के कई स्थानों पर किया जाता है, लेकिन सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध स्थान कर्नाटक राज्य के हुब्बली शहर माना जाता है।
हुब्बली शहर के इस स्थान पर तिरंगा का निर्माण विशेष तकनीक का प्रयोग करके किया जाता है ताकि वह दृढ़ता, स्थिरता और दीर्घकालिकता के साथ टिक सके।
हुब्बली शहर को इस संदर्भ में “भारतीय तिरंगे की नगरी” के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यहाँ पर भारतीय तिरंगे का निर्माण मुख्य रूप से किया जाता है
और यह भारतीय तिरंगे की गुणवत्ता और मानकों की पालन को सुनिश्चित करने के लिए अधिकाधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम और उसकी स्वतंत्रता की प्रतीक है।
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यहाँ आपको भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी जा रही है:
1. स्थापना और प्रारंभ: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना 22 जुलाई 1947 को की गई थी। यह वह समय था जब भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की थी। ध्वज का डिजाइन भीना बायाजी काम्बोज द्वारा किया गया था।
2. त्रिरंगा डिजाइन: तिरंगा ध्वज तीन बराबर बारीक स्तरों में विभाजित है, जिनमें सफेद ऊपरी बारीक पट्टी, केसरिया मध्य पट्टी, और हरी निचली पट्टी शामिल है।
3. रंगों का प्रतिष्ठान: सफेद रंग सच्चाई और शांति को प्रतिनिधित्व करता है, केसरिया रंग उत्साह और शक्ति को, और हरा रंग प्राकृतिक सौन्दर्य और सत्यता को।
4. अशोक चक्र: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के नीचे छोटे चक्र का नाम ‘अशोक चक्र’ है, जो महात्मा गांधी की विशिष्टता, अहिंसा, सत्य, और शांति को प्रतिनिधित्व करता है।
5. संशोधन: राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन में कुछ संशोधन हो चुके हैं। 26 जनवरी 2002 को ध्वज में कुछ बदलाव किए गए, जिनमें अशोक चक्र के बारे में भी समायोजन किया गया।
6. प्रतीक और एकता: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज एकता, विविधता और समानता की प्रतीक है। यह ध्वज भारत